आज का दिन तो कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण हो गया है....गांन्धी जी(जन्म दिवस) ,लाल बहादुर शास्त्री(जन्म दिवस),और फिर दशेहरा ,,,,खुशियां मनाने कि तीन वजह हो गयी हैं ।गांन्धी आज के युग में प्रासन्गिक ना होते हुए भी कुछ कारणों से प्रासन्गिक हो गये हैं... मेरा उन्हे यहां प्रासन्गिक ना कहने का अर्थ , आज के समाज मे उनकी पहुँच सिर्फ़ २ अक्टूबर के दिन ,या किताबों और नेताओं के भाषणों तक सीमित हो जाना है। परन्तु धन्यवाद विधु विनोद चोपड़ा जी को ,कि उन्होनें गांधी जी को फिर से जीवित कर दिया और न सिर्फ़ जीवित, अपनी फ़िल्म के माध्यम से लोगों को उनके सबक भी सिखा दिये.कितने ही अखबारों में आजकल रोज दिख रहा है कि फ़िल्म से प्रभावित हो कर व्यक्ति विषेश ने "गांधीगिरी" को अपना हथियार बना लिया .(फ़िल्म देखिये जल्दी से सब समझ में आ जायेगा कि आखिर ये गांधीगिरी क्या है)अच्छा ही है ना ,,,,शायद इसी रूप मे गांधी जी देश के लिये फिर कोइ कमाल कर दें।
Monday, October 02, 2006
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1 comment:
सुन्दर चिट्ठा है। आप अपनी तीन नविनतम प्रविष्टियां यहां देख सकते हैं।
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